सतना में करोड़ों रुपये खर्च करके बना सरकारी मेडिकल कॉलेज को छह महीने में ही बंद कर दिया गया, जारी हुआ नोटिस
डॉक्टरों ने की सांकेतिक हड़ताल
पदस्थ डॉक्टर भी सांकेतिक हड़ताल कर रहे हैं तो यहां मेडिकल कॉलेज के मानकों को भी अभी तक पूरा नहीं किया जा रहा है। ऐसे में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को नोटिस जारी की गई। डॉक्टरों ने की सांकेतिक हड़ताल मेडिकल काउंसिल की मांग पूरा न करने की वजह से मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को एनएमसी ने मान्यता खत्म करने की नोटिस जारी की है। हालांकि इस मामले में कॉलेज के डीन की माने तो कुछ माह पूर्व नोटिस मिली थी जिसको उच्च अधिकारियों की सूचित किया जा चुका है।
अब नियमित डॉक्टरों की उपस्थित भेजी जा रही है, जल्द डॉक्टरों को वेतन भी दिया जाएगा। उनका तर्क है कि नवीन संस्थान होने की वजह से और चुनाव आदर्श आचार संहिता की वजह से धोड़ी परेशानी थी जिसे दूर कर ली जाएगी। दरअसल, सतना जिले को नवीन मेडिकल कालेज के रूप में सौगात मिल चुकी और यहाँ 41 डाक्टरों की पदस्थापना भी है। 15 डॉक्टर जिला अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे लेकिन विडंबना ये है कि छह माह गुजर जाने के बाद भी इन्हें आज तक एक बार भी वेतन नहीं मिला।
डॉक्टर सांकेतिक हड़ताल भी कर रहे हैं। सतना मेडिकल कॉलेज में 150 एमबीबीएस की सीट है जहां छात्र पढ़ाई कर रहे हैं मगर यहां पढ़ाई के लिए जो उपकरण चाहिए वो भी पुख्ता नहीं है। ऑटोप्सी के लिए न तो बॉडी गई और न ही लैब के लिए रिएजेंट खरीदने का पैसा मेडिकल काउंसिल के नियमों के अनुसार पर्याप्त स्टॉफ भी नहीं है और तो और डॉक्टरों की अडेन्डेन्स के लिए थम्भ मशीन अब तक एनएमसी ने सिर्फ एलओआई जारी किया है।