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Story

    अग्निहोत्र की ज्वाला से जीवन की राहें रोशन हो,

    अग्निहोत्र की ज्वाला से जीवन की राहें रोशन हो,
    सत्य प्रेम और ज्ञान कला की राहें उससे रोशन हो
    अग्निहोत्र की आग में स्वार्थ और अहंकार जलते हैं,
    प्रेम,करूणा और सहानुभूति की ज्वाला रोशन हो।


    अग्निहोत्र की ज्वाला से आत्म-ज्ञान की राहें खुलती है
    सत्य,आस्था की प्रेम धरा भाव से ज्ञान की राहें खुलती है
    मन में एक अंश प्राण हैं, फूंक दूंगा देश की रक्षा में
    अधर्म,अन्याय से हित का जीवन प्रेम की बाहें खुलती हैं।


    गीत में उसके दुःख सा भरा है लहरों की आंधी में
    ज़ख्म से पीड़ित रोगी को जान में बचाए आंधी मे
    कोई वंदन कवि की कविता को उत्थान भरेगा
    मैं भी रंग उड़ेलूगां उस प्रेम अप्सरा की आंधी में


    कुरूक्षेत्र के खूनी मैदान,तेल को डालों कानों में
    वीरों की लाशें मिलती है,रोज विहीं श्मशानों में
    कोई अपना कोई पराया हैं, कोई देश विरोधी है
    पहलवान लड़ने से पहले खड़ा पड़ा मैदानों में।

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    Sudhanshu Dwivedi Verified Badge

    Reported by: Senior Journalist